आज सफलता की होड़ में लोग कहां-कहां भाग रहे हैं। जिसे जहां जगह मिल जाए वहीं प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है। भौतिक सफलता की दौड़ हमें जब मंजिल पर पहुंचाती है तो साथ ही अशांति और कुछ छूट जाने का भाव भी दे जाती है। ये मानवीय कमजोरी है कि हम सफलता के मार्ग हमेशा बाहर की ओर ही खोजते हैं, सफलता के साथ शांति चाहिए तो इसका मार्ग आपके भीतर से होकर गुजरेगा।
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